UPI यूजर्स सावधान! 1 जून से लागू होंगे नए नियम, जानिए कैसे बचें ट्रांजैक्शन रुकने से

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भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा साधन बन चुका यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब और सुरक्षित होने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ट्रांजैक्शन के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जो 1 जून 2025 से लागू होंगे। इन नियमों का मकसद धोखाधड़ी रोकना और ट्रांजैक्शन को और पारदर्शी बनाना है। लेकिन अगर यूजर्स ने इन नियमों का पालन नहीं किया, तो उनका UPI ट्रांजैक्शन रुक सकता है। आइए जानते हैं इन नए नियमों और सावधानियों के बारे में।

रिसीवर का असली नाम दिखेगा

NPCI ने नए नियम में कहा है कि 1 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन करने से पहले रिसीवर का बैंक में दर्ज असली नाम मोबाइल ऐप पर दिखेगा। अभी तक लोग अपने कॉन्टैक्ट में सेव किया हुआ नाम या QR कोड के जरिए पेमेंट करते थे, जिससे गलत व्यक्ति को पैसे भेजने का खतरा रहता था। नए नियम से यह गलती कम होगी और धोखाधड़ी की संभावना भी घटेगी। इससे पहले कि आप पैसे भेजें, रिसीवर का नाम अच्छे से जांच लें, ताकि गलत ट्रांजैक्शन से बचा जा सके।

मोबाइल नंबर का सत्यापन जरूरी

UPI यूजर्स के लिए सबसे अहम नियम है मोबाइल नंबर का सत्यापन। अगर आपका UPI से जुड़ा मोबाइल नंबर निष्क्रिय है या 90 दिन से इस्तेमाल नहीं हुआ है, तो आपका UPI ID डीएक्टिवेट हो सकता है। NPCI ने बैंकों और UPI ऐप्स को हफ्ते में एक बार मोबाइल नंबर डेटाबेस अपडेट करने को कहा है। अगर आपका नंबर रिसाइकिल होकर किसी और को मिल गया है, तो आपका UPI खाता बंद हो सकता है। इसलिए, अपने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को चालू रखें और जरूरत हो तो अपडेट करें।

ये सावधानियां बरतें

UPI ट्रांजैक्शन को सुचारू रखने के लिए कुछ आसान कदम उठाएं:

  • अपने UPI ऐप को हमेशा लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें।
  • बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर चालू और सही हो, यह सुनिश्चित करें।
  • पेमेंट से पहले रिसीवर का बैंक में दर्ज नाम जांचें।
  • अनजान QR कोड स्कैन करने से बचें।
  • अगर ट्रांजैक्शन फेल हो, तो तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
    इन कदमों से आपका UPI अनुभव सुरक्षित और आसान रहेगा।
विवरणजानकारी
नए नियम की तारीख1 जून 2025
मुख्य बदलावरिसीवर का असली नाम दिखेगा
मोबाइल नंबर अपडेटहफ्ते में एक बार
ट्रांजैक्शन लिमिट1 लाख रुपये प्रतिदिन

ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव

NPCI ने UPI की दैनिक ट्रांजैक्शन लिमिट को 1 लाख रुपये पर बनाए रखा है, लेकिन कुछ खास कैटेगरी जैसे हॉस्पिटल और एजुकेशन के लिए यह लिमिट 5 लाख रुपये है। अगर आप पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन करते हैं, तो 1 लाख रुपये की सीमा लागू रहेगी। इसके अलावा, 20 ट्रांजैक्शन की दैनिक सीमा भी बरकरार है। नए यूजर्स के लिए पहले 24 घंटे में 5000 रुपये की लिमिट लागू हो सकती है। अपने बैंक या UPI ऐप से इसकी पुष्टि करें।

धोखाधड़ी से बचाव

नए नियमों का एक बड़ा मकसद UPI से होने वाली धोखाधड़ी को रोकना है। NPCI ने कहा है कि अगर कोई UPI ID एक साल से निष्क्रिय है, तो उसे डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा। साथ ही, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को और सख्त किया गया है, जिसमें OTP या PIN की जरूरत होगी। अनजान लिंक या QR कोड से सावधान रहें, क्योंकि ये धोखाधड़ी का कारण बन सकते हैं। अगर आपको कोई संदिग्ध मैसेज मिले, तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें।

यूजर्स के लिए सलाह

1 जून 2025 से लागू होने वाले ये नियम UPI को और सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएंगे। लेकिन इसके लिए यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर और UPI ऐप को अपडेट रखना होगा। अगर आप PhonePe, Google Pay, Paytm या BHIM जैसे ऐप्स इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी सेटिंग्स में जाकर नए नियमों की जानकारी चेक करें। किसी भी दिक्कत में अपने बैंक की हेल्पलाइन या NPCI की वेबसाइट www.npci.org.in पर संपर्क करें। इन नियमों का पालन करके आप बिना रुकावट UPI का इस्तेमाल कर सकेंगे।

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